किसानों को अब सालाना ₹6000 नहीं, बल्कि ₹9000 मिलेंगे, जानें पूरी डिटेल PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का स्थान सर्वोपरि है। देश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम किसान योजना) की शुरुआत की थी। इस योजना के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करके उनके जीवन स्तर को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है।

राजस्थान सरकार का ऐतिहासिक निर्णय

अब इस योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए पीएम किसान योजना के तहत मिलने वाली सालाना धनराशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने का निर्णय लिया है। यह खबर राज्य के सभी किसानों के लिए एक वरदान से कम नहीं है।

राजस्थान की उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने बजट 2025 में यह महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब राज्य सरकार अपनी ओर से 3,000 रुपये अतिरिक्त देगी, जिससे किसानों को कुल 9,000 रुपये सालाना प्राप्त होंगे। इस अतिरिक्त राशि से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और वे अपनी खेती में नवीन तकनीकों का उपयोग कर सकेंगे।

किसानों की आर्थिक स्थिति पर प्रभाव

इस योजना का सीधा प्रभाव किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा। अतिरिक्त 3,000 रुपये प्राप्त होने से किसान अपनी कृषि संबंधी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा कर सकेंगे। वे उन्नत बीज, उर्वरक और कृषि उपकरणों में निवेश कर सकेंगे, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी।

राजस्थान के ज्यादातर क्षेत्र अर्ध-शुष्क हैं और यहां सिंचाई की समस्या गंभीर है। इस अतिरिक्त धनराशि से किसान सिंचाई के लिए नए संसाधनों का विकास कर सकेंगे, जैसे कि ड्रिप इरिगेशन सिस्टम या स्प्रिंकलर्स। इससे पानी का संरक्षण होगा और फसल उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

एक किसान की कहानी

मोहनपुरा गांव के रामलाल मीणा पिछले 30 वर्षों से खेती कर रहे हैं। वे बताते हैं, “पहले हम केवल परंपरागत तरीकों से खेती करते थे, लेकिन पीएम किसान योजना से मिलने वाली राशि ने हमें नई तकनीकों को अपनाने में मदद की है। अब राज्य सरकार द्वारा 3,000 रुपये अतिरिक्त देने के फैसले से हम सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के बारे में सोच रहे हैं, जिससे हमारी लागत कम होगी और उत्पादन बढ़ेगा।”

रामलाल की कहानी हजारों किसानों की कहानी है, जिन्हें इस योजना से लाभ मिलेगा। छोटे और सीमांत किसानों के लिए यह अतिरिक्त राशि जीवन में बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है।

भविष्य में 12,000 रुपये तक बढ़ने की संभावना

राजस्थान सरकार ने अपने 2023 के चुनावी संकल्प पत्र में किसानों को सालाना 12,000 रुपये देने का वादा किया था। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए राशि को 9,000 रुपये किया गया है। यह सकारात्मक संकेत है कि आने वाले समय में इस राशि को और बढ़ाकर 12,000 रुपये किया जा सकता है।

वित्त मंत्री दीया कुमारी के अनुसार, “हमारा लक्ष्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से हम किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहे हैं। राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ-साथ हम इस राशि को और बढ़ाने पर विचार करेंगे।”

राशि वितरण की प्रक्रिया

इस योजना के तहत मिलने वाली राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है। यह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) प्रणाली से होता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और धनराशि पूरी तरह से किसानों तक पहुंचती है।

राज्य सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को किसी जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़े। पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और किसान अपने नजदीकी किसान सेवा केंद्रों या ई-मित्र केंद्रों पर जाकर इसमें पंजीकरण करा सकते हैं।

कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण

इस अतिरिक्त आर्थिक सहायता का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे कृषि क्षेत्र में आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। किसान नई तकनीकों, मशीनों और उन्नत कृषि पद्धतियों को अपना सकेंगे।

राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. मोहन सिंह का कहना है, “इस तरह की आर्थिक सहायता से किसान ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सेंसर आधारित सिंचाई जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सकेंगे। यह कृषि उत्पादकता बढ़ाने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में मदद करेगा।”

सरकार का दृष्टिकोण

राजस्थान सरकार ने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य केवल तात्कालिक राहत प्रदान करना नहीं, बल्कि किसानों को दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। इसलिए, पीएम किसान योजना के साथ-साथ, सरकार कृषि उत्पादों के लिए बेहतर बाजार व्यवस्था, भंडारण सुविधाओं का विकास और किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर भी ध्यान दे रही है।

राज्य के कृषि मंत्री ने कहा, “किसानों की समृद्धि राज्य की समृद्धि है। हम एक समग्र दृष्टिकोण अपना रहे हैं, जिसमें आर्थिक सहायता के साथ-साथ ज्ञान, कौशल और बाजार तक पहुंच प्रदान करना शामिल है।”

किसानों की प्रतिक्रिया

इस निर्णय पर किसानों की प्रतिक्रिया बेहद सकारात्मक रही है। जयपुर जिले के चाकसू के किसान रामावतार शर्मा का कहना है, “यह किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। कृषि लागत लगातार बढ़ रही है, और इस अतिरिक्त सहायता से हमें अपनी खेती को जारी रखने में मदद मिलेगी। हम राज्य सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं।”

जोधपुर की किसान महिला संघ की अध्यक्ष सविता देवी ने बताया, “महिला किसानों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अब हम अपने खेतों में जैविक खेती की ओर बढ़ सकते हैं, जिसमें प्रारंभिक निवेश अधिक होता है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ भी अधिक हैं।”

योजना का क्रियान्वयन

राज्य सरकार ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि सभी पात्र किसानों को योजना का लाभ मिले और धनराशि समय पर उनके खातों में पहुंचे।

कृषि विभाग के अधिकारियों को जिला और ब्लॉक स्तर पर किसानों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए नियुक्त किया गया है। ग्राम पंचायतों में विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं, जहां किसान अपने दस्तावेज अपडेट करा सकते हैं और योजना से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में राजस्थान सरकार द्वारा किया गया यह संशोधन निश्चित रूप से किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये की गई यह सहायता राशि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करेगी।

भविष्य में इस राशि को 12,000 रुपये तक बढ़ाने की संभावना किसानों के लिए उम्मीद की किरण है। राज्य सरकार का यह कदम न केवल किसानों के कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पहल भी है।

किसानों से अनुरोध है कि वे अपने बैंक खातों और आवश्यक दस्तावेजों को अपडेट रखें, ताकि वे इस योजना का अधिकतम लाभ उठा सकें और राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बना सकें।

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